नामचीन शायरों के नाम पर खूब किया प्रचार, मंच पर नहीं दिखे बड़े शायर तो होने लगी कानाफूसी

कवि सम्मेलन के बजाय मंच का बना दिया राजनीतिक अड्डा

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पत्रकार तामीर हसन शीबू

जौनपुर। शहर के अटाला मस्जिद कमेटी के मैदान में हुआ मुशायरा हर आमो खास की जुबान पर चर्चा का विषय बन गया है।

चर्चा इस बात की रही कि ऑल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन के नाम पर देश के जिन जानी मानी बड़ी नामचीन शख्सियत को यहां मंच पर बुलाने के नाम पर पिछले एक पखवाड़े से प्रचार प्रसार किया जा रहा था।
उसमें ऑल इंडिया स्तर के एक भी शायर और कवि नहीं पहुंचे। बड़ी पेशगी पाने की उम्मीद से मंच पर खास मेहमान बनाए गए उन लोगों को भी अंतिम समय तक अंधेरे में रखा गया क जाने-माने शायर राज्य मुख्यालय से चल चुके हैं।

 

बस कुछ ही पलों में यहां आने वाले हैं। इससे भीड़ भी काफी देर रुकी रही। फिर क्या मुशायरे के नाम पर बनाए गए राजनीतिक अड्डे के इस मंच से विभिन्न राजनीतिक दलों के छोटे बड़े नेताओं, जिन्हें यहाँ खास मेहमान नवाजी के लिए बुलाया गया था उनकी खिदमत में खूब कसीदे पढ़े गए।

हालांकि इस दौरान तालियां भी बजी, एनाउंसर की आवाज और झंकार भी खूब गुजा लेकिन जैसे-जैसे कार्यक्रम समापन की ओर बढ़ा और नामचीन शायर आखिरकार नहीं दिखे तो। लोगों के जुबान पर यह चर्चा होने लगी की आखिर इस मुशायरे और कवि सम्मेलन के नाम पर पिछले 1 महीने से जिस बड़े बजट की चर्चा करके पेटीएम तक से जेब गर्म किए गए, उसका आधा हिस्सा भी इस कार्यक्रम में खर्च नहीं हुआ।

ऑल इंडिया मुशायरा और कवि सम्मेलन के नाम पर हुए बड़े इस बड़े खेल की चर्चा पूरे जिले में खूब है। अब तो लोग यह भी कहने लगे कि ऐसा ही खेल शाहगंज इलाके में पिछले एक दशक से खूब होता रहा है, कहीं ऐसा तो नहीं उसी खेल से प्रेरणा लेकर सिराजे हिंद के नाम से प्रसिद्ध इस शहर में नया खेल कर दिया गया।

 

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