आखिर खनन माफियाओं पर क्यों नहीं लागू हो पाते नियम और कानून

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फतेहपुर में खनन माफिया इस कदर सरकारी मशीनरी को पंगु बना कर रख दिए हैं की इनके आगे कोई कुछ भी नहीं कर पा रहा है। हालात यह हैं कि अब तो यमुना की कोख को छलनी करने के बाद  लोगों की जिंदगी से भी खिलवाड़ होने लगा है।

 

एक ऐसा ही ताजा मामला उस समय हुआ जब बकरी चराने गई  दो मासूम यमुना नदी में नहाने* के लिए उतरी और खनन माफियाओं का शिकार हुई। क्योंकि यमुना नदी में उतरते ही बड़ा गड्ढा होने के चलते वह दोनों उस गड्ढे में समा गई और उसके बाद उनके पारिवारिक जनों में कोहराम मच गया और लोग खनन माफियाओं पर खूब बरसे। हालांकि इसके पहले भी इन खनन माफियाओं की करतूतों के चलते कई जिंदगियां दांव पर लग चुकी हैं।

 

लेकिन अपनी पव बारह करने में जुटे यह खनन माफिया नियम और कानून से अलग हटकर केवल अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं। वही सरकारी मशीनरी भी इनके आगे अपने को पंगु महसूस कर रही है।

 

हालांकि समय-समय पर जब-जब सोशल मीडिया, समाचार पत्रों और टीवी चैनलों में इन मोरंग खदानों की खबरें चलती है तो फिर एक टीम बना दी जाती है और सूत्रों की माने तो वह टीम इन खदानों में छापेमारी करती है। कुछ समय के लिए पोकलैंड मशीन, जेसीबी मशीन वहां से हटा दी जाती है।

 

शायद उस छापेमारी की सरकारी मशीनरी के कुछ तथाकथित लोग मोरंग खदान वालों को पहले ही जानकारी दे देते हैं और खानापूर्ति के बाद फिर से मौरंग खदान सुचारू रूप से चलने लगते हैं और नियम कानून एक किनारे रखने के चलते इस तरीके की मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ होने लगता है।

 

हम आपको बता दें कि धाता थाने के मखउआ गांव में बकरी चराने के दौरान यमुना नदी में दो चचेरी बहनें नहाने लगी थी तभी गहरे बहाव में चले जाने से डूब गई और बाद में गोताखोरों की मदद से उन दोनों बहनों के शव निकाले गए । सूत्र बताते हैं कि  रानीपुर घाट में अवैध खनन के गहरे गड्ढे में दोनों बच्चियां डूबी थी* मशीनों से यमुना नदी में गहरे गड्ढे से हादसा हुआ है।

 

हालात केवल रानीपुर घाट में ही नहीं है उरौली घाट, रामनगर कौंहन घाट में भी सूत्र बताते हैं कि खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कुछ पहुंच वाले तथाकथित ठेकेदारों को मिलाकर इन मोरंग माफियाओं के हौसले बुलंद हैं* और इन पर जल्द ही अगर योगी सरकार ने शिकंजा नहीं कसा तो ऐसे ही जेसीबी की खुदाई से हुए बड़े गड्ढों में लोगों की जाने जाती रहेंगी और इसका जवाब किसी के पास नहीं होगा।

 

जानता की अपील है योगी सरकार से  कि ऐसे तथाकथित मोरंग खदान संचालकों के खिलाफ तथा खनन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जिनकी मिलीभगत से इस तरीके के कार्य मोरंग खदान में जेसीबी लगाकर किए जा रहे हैं। सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए* ताकि फिर किसी मासूम की जिंदगी से खिलवाड़ ना हो सके और लोग बिना किसी डर के यमुना नदी में कम से कम स्नान तो कर सकें

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