संत निरंकारी मिशन द्वारा प्रोजेक्ट अमृत के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल स्वच्छ मन’ परियोजना का शुभारंभ

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जौनपुर ,24 फरवरी 2023, संत निरंकारी मिशन द्वारा आजादी के 75 वें ‘अमृत महोत्सव’ के अवसर पर सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन सानिध्य में दिनांक 26 फरवरी दिन रविवार को अमृत परियोजना के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल स्वच्छ मन’ का शुभारंभ किया जाएगा।

 

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण तथा इसके बचाव हेतु अपनाई जाने वाली विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाना एवं क्रियान्वित रुप देना है। इस परियोजना का मुख्य बिंदु जल निकायों की स्वच्छता एवं स्थानीय जनता के बीच जागरूकता अभियान के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहित करना है। यह जानकारी देते हुए संत निरंकारी मंडल के स्थानीय मीडिया सहायक उदय नारायण जायसवाल बताया कि अमृत परियोजना के अंतर्गत जौनपुर शहर के गोमती नदी के तट गोपी घाट एवं हनुमान घाट की सफाई करने का कार्य मिशन के सेवादारों द्वारा एवं समर्पित श्रद्धालुओं द्वारा महात्मा मानिकचंद तिवारी जी जोनल इंचार्ज के नेतृत्व में 26 फरवरी दिन रविवार को सुबह 8:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक किया जाएगा।

 

बाबा हरदेव सिंह जी द्वारा समाज कल्याण हेतु जीवनपर्यंत आनेक कार्य किये गये जिसमें स्वच्छता एवं वृक्षारोपण अभियान का आरंभ प्रमुख है और उन्हीं की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष संत निरंकारी मिशन द्वारा सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के निर्देशन में अमृत परियोजना का आयोजन किया जा रहा है।

 

संत निरंकारी मिशन के सचिव आदरणीय श्री जोगिंदर सुखीजा जी ने इस परियोजना संबंधित विस्तृत जानकारी दी कि यह परियोजना संपूर्ण भारत वर्ष के लगभग 1000 स्थानों के 730 शहरों, 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विशाल रूप से आयोजित की जाएगी जिनमें मुख्यतः आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार दीप समूह, आसाम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दमन और दीव, दिल्ली, गुजरात, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तिलगंना त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल इत्यादि सम्मिलित है।

 

इस परियोजना में निरंकारी मिशन के करीब 1.5 लाख स्वयंसेवक अपने सहयोग द्वारा ‘जल संरक्षण’ एवं और ‘जल निकायों’ जैसे समुद्र तट, नदियां, झीले, तलाब, कुंए, पोखर, जोहड़, विभिन्न झरनों, पानी की टंकियों, नालियों और जल धाराओं इत्यादि को स्वच्छ एवं निर्मल बनाएंगे। मिशन की लगभग सभी शाखाएं इस अभियान में सम्मिलित होंगी और आवश्यकता पड़ने पर अलग-अलग शाखाएँ भी निर्दिष्ट क्षेत्रो में सामूहिक रूप से इन सभी गतिविधियों में अपना योगदान देगी।

 

 

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