वफादारी और बलिदान का पाठ पढ़ाने वाले का आज जन्मदिन है-शाहिद नक़वी

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पैगाम सलाम हो अली के सुपुत्र और इमाम हुसैन के भाई अबुल फ़ज़्लिल अब्बास पर जिन्होंने सत्य के ध्वज को ऊंचा रखने के मार्ग में अपने प्राण की आहूति दी और इतिहास में अमर हो गए।

 

सलाम हो उस पर जो सद्गुण व उदारता का सोता था। उसने वीरता व बलिदान को परिभाषित किया और इन सद्गुणों का व्यवहारिक रूप में उत्कृष्ठ नमूना पेश किया।।इस महान व्यक्तित्व का आज जन्म दिवस है,की हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए।

 

हज़रत अब्बास पर ईश्वर की विशेष कृपा यह थी कि वे उदारता व सुचरित्रता के साथ सुंदर व आकर्षक भी थे। उनका चेहरा खिला रहता और उनकी काठी लंबी और शरीर ठोस था जिससे वीरता झलकती थी।

 

इतिहासकारों ने उन्हें बहुत सुंदर व आकर्षक बताया है।उन्हें सुंदर व प्रतापी चेहरे के कारण हाशिम के चांद की उपाधि दी गई।हज़रत अब्बास पूरे जीवन दूसरे की सेवा में लगे रहे। इसीलिए उन्हें बाबुल हवाएज अर्थात आवश्यकताओं की पूर्ति का द्वार कहा जाता है।अर्थात वे एसे व्यक्ति थे जो दूसरों की आवश्यकताओं की पूर्ति करते थे। तीन दिन से प्यास से तड़प रहे बच्चों को पानी पिलाने के लिए वह नहरें फुरात से पानी लेने गए थे, उस समय उनके पास तलवार या कोई दूसरा असलहा नहीं था।

 

तभी आतंकवादी यज़ीद की फौज ने उन पर हमला किया,पहले भुजाएं काटी फिर तीरों से छलनी किया। वफादारी निभाते हुए हज़रत अब्बास शहीद हो गए, लेकिन मासूम बच्चे प्यासे ही रह गए। लेकिन वह संसार को वफादारी और बलिदान का ऐसा पाठ पढ़ा गए, जिसमें भाई -भाई, भाई -बहन और चचा के रिश्तों के लिए त्याग और समर्पण का भी अनूठा संदेश था।

 

त्याग व बलिदान, हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम के व्यक्तित्व का सबसे महत्वपूर्ण एवं स्पष्ट आयाम है। जिसकी चरमसीमा का प्रदर्शन उन्होंने कर्बला में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के महान आन्दोलन के दौरान किया। इस प्रकार आशूरा की महान घटना में हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम का नाम इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के नाम के साथ जुड़ गया।

 

करबला में हज़रत अब्बास के महान बलिदान और साहस की घटना को घटे हुए शताब्दियां व्यतीत हो चुकी हैं किंतु इतिहास अब भी अब्बास इब्ने अली की विशेषताओं से सुसज्जित है। यही कारण है कि शताब्दियां बीत जाने के बावजूद वास्तविक्ता की खोज में लगी पीढ़ियों के सामने अब भी हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम का व्यक्तित्व दमक रहा है।

चार शाबान विलादते मौला अब्बास बहुत बहुत मुबारक हो

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