शिया वक्फ़ बोर्ड की करोड़ों की ज़मीन कौड़ियों के मोल

12 मार्च के जलसे में शिया धर्मगुरू मौलाना सैय्यद सफदर हुसैन जैदी ने हुकूमत और वक्फ बोर्ड के चेयरमैन से क्या कहा वीडियो में जरूर सुने!

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जौनपुर। शहरी इलाके के मोहल्ला मखदूम शाहआडन में स्थित वक्फ़ की एक संपत्ति इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। इस संपत्ति के कुछ लोग सदर  बने हुए है और कुछ मूतवल्ली बनकर धनवान बनें हुए है साथ ही साथ कई बड़े नामचीन लोगों के नाम  कर दिया गया है जो काफी धनवान वह प्रभावशाली किस्म के हैं उन्हें मनमाने ढंग से दी जा रही है।

 

 

जबकि यह संपत्ति गरीब तबके के जरुरत मंद लोगों के लिए  कुछ लोगों ने इसे वक्फ करके दान में दिया था कि इससे गरीबों का कल्याण यानी भला हो सके। लेकिन कुछ लोग मनमाने ढंग किसी को पांच सौ रूपये तो किसी को एक हजार रूपये सालाना दर पर पांच सौ से एक हजार स्क्वायर फीट दिया जा रहा है और जो मोटी रकम यानी ज्यादा पैसा देने वाला शख्स मिल जा रहा है उसे एक से  दो हजार स्क्वायर फीट दिया जा रहा है कहावत है जैसा नाम वैसा काम के नाम पर वक्फ की गई। इस संपत्ति का बंदरबांट मोतवल्ली कर रहें और उसका भरपूर लाभ ले रहें हैं।

 

 

 

अब यह बात अलग है कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार इन संपत्तियों को बचाने के लिए बड़े-बड़े विभाग खोल रखे हैं जिसके सदर और मोतवल्ली  के ऊपर इसका कोई असर नहीं नजर आ रहा है या मनमानी ढंग से वक्फ की संपत्ति को निजी स्वार्थ के लिए इधर से उधर कर डाल रहें हैं।

 

फिलहाल मखदूम शाहआढन स्थित यह जमीन इन दिनों काफी सुर्खियों में आ गई है। इस संबंध में कोतवाली थाना क्षेत्र के मोहल्ला बलुआघाट निवासी मिर्जा जमील ने एक आवेदन  उच्चाधिकारियों को दिए गए प्रार्थना पत्र में उक्त संपत्ति को बचाए रखने की मांग किया है।

 

मिर्जा जमील इस करोड़ों रुपए की संपत्ति के मामले में भी वक्फ बोर्ड को भी एक प्रार्थना पत्र दिया  गया है। वही दूसरी तरफ यह चर्चा का विषय है कि जिन लोगों द्वारा यह ज़मीन पैसा लेकर दी जा रही है उनका नाम कही वर्तमाम खतौनी में दर्ज नहीं है जांच का विषय बना हुआ है की किस आधार पर इनके द्वारा यह कार्य किया है।

 

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