शिक्षा,संगठन, संघर्ष,सहयोग से ही निषाद उत्थान सम्भव-लौटनराम निषाद

निषादराज जयंती पर निषादराजमय हुई अयोध्या नगरी

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अयोध्या,5 अप्रैल। महाराजा गुहराज निषाद जयंती समारोह समिति के बैनर तले श्रृंगबेरपुर के महाराजाधिराज गुहराज जयंती के आयोजन निषाद भवन प्रांगण में किया गया।आयोजन समिति के अध्यक्ष श्यामलाल निषाद व कार्यकारी अध्यक्ष अरुण निषाद पहलवान के नेतृत्व में आकाशवाणी केन्द्र से विशाल जुलूस व झाँकी निकाली गई।

 

अयोध्या नगरी श्रृंगबेरपुर का ताज है,जय निषादराज है के नारे से गुंजायमान हो गयी।अयोध्या के साथ गोंडा,बलरामपुर, बस्ती से आये विशाल जनसमुदाय से अयोध्या नगरी निषादमय हो गयी।मुख्य वक्ता के रूप में समारोह को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौ.लौटनराम निषाद ने आधी रोटी आयेंगे, बेटी बेटा को पढ़ायेंगे का नारा देते हुए कहा कि शिक्षा ही विकास का मूल आधार है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा,संगठन,संघर्ष,संकल्प व सहयोग से ही निषाद उत्थान व समग्र विकास सम्भव है।उन्होंने कहा कि ब्राह्मण को कोसकर कोई समाज तरक्की नहीं कर सकता।ब्राह्मण 3 में 13 व 13 में 53 और 53 में कुछ और होते हुए भी अन्तरगोत्रीय वैवाहिक रिश्ते के कारण एक है और निषाद सहित पिछड़ी जातियाँ अपने ही गोत्र,फिरके,उपजाति तक सीमित होने के कारण असंगठित व फिरकापरस्ती की शिकार हैं,जो इनके पिछड़ेपन का प्रमुख कारण है।उन्होंने सामूहिक विवाह करने व तरही,ब्रह्मभोज,गयाभोज के बहिष्कार का आह्वान किया।

 

समारोह को सम्बोधित करते हुए निषाद ने कहा कि “हमें अपने ने लूटा,दूसरों में कहाँ दम था,हमारी कश्ती वहाँ डूबी, जहां पानी कम था।उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि निषादराज लाने,अपनी सरकार बनाने के नाम पर आया, बहेलिया कबूतर की कहानी सुनाते सुनाते खुद बहेलिया बनकर निषाद समाज का सत्यानाश कर दिया,स्वयं एमएलसी-/मंत्री व अपने दो बेटों को सांसद,विधायक बनाकर टिकट बेचवा बन गया।उस सौदागर के चलते आरक्षण प्रस्ताव वापस व निषाद कश्यप समाज का परम्परागत पेशा सार्वजनिक कर छीन गया।प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री।मत्स्य सम्पदा योजना के नाम पर स्वघोषित निषाद मसीहा लूट का धंधा चलाकर अपना घर भर रहा है।उन्होंने कहा कि 2013 में तत्कालीन सरकार ने निषाद संगठनों की माँग स्वीकार करते हुए 5 अप्रैल को निषादराज जयंती के सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था, जिसे राम-निषादराज की मित्रता के नाम पर समाज का वोट लेने वाली पार्टी की सरकार ने उसे खत्म कर दिया,बालू मोरम खनन ,मत्स्य पालन, सिंघाड़ा खेती का निषाद मछुआरों का परम्परागत पुश्तैनी पेशा छीनकर बेकारी व तबाही का शिकार बना दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव घोषणा पत्र में निषाद समुदाय की जातियों का अनुसूचित जाति का आरक्षण व अधिकार दिलाने का वादा किया था,पर अब वादाखिलाफी कर रही है,जनगणना कराने से मुँह फेर ली है।उन्होंने अनुसूचित जाति में शामिल मझवार,तुरैहा,गोंड़ को परिभाषित कराने की माँग उठाया।

 

मुख्य अतिथि सिंचाई राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने कहा कि निषाद समाज आगे बढ़ने के लिए हर हाल में अपने बच्चों को उच्च शिक्षा,उत्तम संस्कार देकर प्रतियोगी व प्रतिस्पर्धी बनाएं।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के आधार पर काम कर रही है।इस अवसर पर 11 जोड़ों का आदर्श सामूहिक विवाह निषाद पंडितों द्वारा सम्पन्न कराया गया।
निषाद राज जयंती समारोह की अध्यक्षता डॉ. नानक सरन निषाद संचालन मोतीराम निषाद व सुनील निषाद ने किया।समारोह को हरिश्चन्द्र निषाद, पुरुषोत्तम निषाद उषा निषाद, बाबूराम गौड़,हरिकिशन निषाद, गंगाराम निषाद, उमेश निषाद, रामदुलारे निषाद, सन्तोष निषाद, स्नेहलता निषाद, दुर्गेश निषाद, अरबिंद निषाद आदि ने सम्बोधित किया।

 

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