योगी सरकार में हो रहा निषाद समाज का अपमान-लौटनराम निषाद

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लखनऊ। निषाद समाज की जातियों का वोट लेने के लिए भाजपा श्रीराम-निषादराज की मित्रता का गुणगान करती है,लेकिन सत्तासीन होने के बाद निषाद जातियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करने लगती है। राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव लौटन राम निषाद ने जौनपुर जनपद के सरपतहा थाना व शाहगंज विधानसभा क्षेत्र के भेला गांव में योगी की जाति के ग्राम प्रधान द्वारा निषादराज की प्रतिमा पर बुलडोजर चलवाये जाने की घोर निंदा किया है। उन्होंने कहा है कि जब से योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में सरकार बनी है निषाद समाज का अपमान किया जा रहा है।

 

उत्तर प्रदेश में भाजपा-निषाद पार्टी का गठबंधन है और शाहगंज से रमेश सिंह निषाद पार्टी के विधायक हैं। उन्होंने कहा है कि भाजपा से निषाद पार्टी का जब से गठबंधन हुआ है, निषाद समाज का अपमान व अधिकार हनन जारी है। निषादराज की प्रतिमा पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बिरादरी के ग्राम प्रधान भाजपा नेता द्वारा बुलडोजर चलवा तोड़े जाने पर निषाद पार्टी के अध्यक्ष व मत्स्य मंत्री संजय कुमार निषाद की चुप्पी को गुलामी व भाजपा के सामने आत्मसमर्पण करने का आरोप लगाया है।

 

उन्होंने कहा कि संजय निषाद की सौदेबाजी के कारण बदलापुर के भाजपा विधायक रमेश चंद्र मिश्रा ने भी कुछ दिनों पहले निषाद समाज को धमकी देते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। निषाद पार्टी संजय निषाद एंड फैमिली की प्रा लि लूट टीम है, जो निषाद समाज के भोले भाले लोगों को झूठा सपना दिखाकर सिर्फ पारिवारिक हित साधने में जुटा हुआ है। निषादराज की प्रतिमा पर बुलडोजर चलवाये जाने के बाद भी संजय निषाद की चुप्पी उनकी गुलामी का प्रमाण है।

 

योगी आदित्यनाथ जब 2017 में मुख्यमंत्री बने तो एक महिना के अंदर ही पूर्ववर्ती अखिलेश यादव की सरकार द्वारा 2013 में महाराजा निषादराज गुहा की जयन्ती के लिए 5 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था, उसे खत्म कर दिए। काँग्रेस सरकार द्वारा 1985 में शुरू की गई मछुआ आवास योजना को मुख्यमंत्री बनने ही योगी ने खत्म कर दिया।

 

निषाद ने बताया कि 1994-95 में मुलायम सिंह यादव की सरकार द्वारा बालू खनन व मत्स्य पालन पट्टा स्थानीय निषाद मछुआरा जातियों व मत्स्यजीवी सहकारी समितियों को देने का शासनादेश जारी किए थे,ई- टेंडरिंग लागू कर योगी सरकार ने बालू खनन पट्टा के अधिकार को छीन लिया।सार्वजनिक नीलामी की व्यवस्था कर दस वर्षीय मत्स्य पालन पट्टा का अधिकार मत्स्य पालक निषाद मछुआरा जातियों से छीन कर बेकारी की स्थिति में पहुँचा दिया। मत्स्य मंत्री संजय कुमार निषाद समाज को झूठा सपना दिखाकर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना व मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के नाम पर भोले भाले अशिक्षित मछुआरों से खूब धन उगाही करवाए, परंतु एक भी निषाद को किसी तरह का लाभ नहीं मिला।

 

उन्होंने कहा कि 25 जुलाई 2021 को गोरखपुर, जौनपुर, सुल्तानपुर, कानपुर, मिर्जापुर, बलिया, लखनऊ, संत कबीर नगर, अयोध्या, वाराणसी, आगरा, मुजफ्फरनगर, उन्नाव, प्रयागराज,भदोही,मेरठ,बांदा में निषाद विकास संघ द्वारा वीरांगना फूलन देवी की 35-35 फीट ऊँची प्रतिमाएं स्थापित कराने के लिए आयीं थीं, जिसे योगी सरकार ने भारी पुलिस बल लगाकर जब्त करा लिया और संजय कुमार निषाद ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं किया। उन्होंने कहा कि संजय कुमार निषाद ने भाजपा से गठबंधन व सौदेबाजी कर निषाद समाज का अपमान व अधिकार हनन करवा रहे हैं।

 

निषाद पार्टी की सौदेबाजी, दलाली व लूटपाट के कारण निषाद समाज का राजनीतिक मूल्य गिरा है, निषाद समाज अधिकार वंचित हुआ है।.निषाद ने कहा कि 17 अतिपिछड़ी जातियों का आरक्षण मुद्दा केन्द्र सरकार के पास विचाराधीन था,

 

जिसे संजय कुमार निषाद की साज़िश से केन्द्र सरकार व योगी आदित्यनाथ की सरकार ने वापस कर शून्य कर दिया। उन्होंने कहा कि अब संजय कुमार निषाद की आरक्षण मुद्दे पर बोलती बंद हो गई है।उन्होंने कहा कि 7 जून 2015 को कसरवल में पूर्व प्रायोजित साज़िश में अखिलेश निषाद की हत्या करा दी गई। उन्होंने अखिलेश निषाद की मौत की सीबीआई जाँच कराए जाने की माँग किया है।

 

उन्होंने निषादराज की प्रतिमा बुलडोजर चलवा कर तोड़ने वाले भेला गांव के सामंती ग्राम प्रधान पर एफआईआर दर्ज कराकर गिरफ्तारी करवाने की माँग किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म की बात करती है, योगी आदित्यनाथ राम-निषादराज की मित्रता की बात करते हैं तो क्या निषादराज की प्रतिमा तुड़वाना हिन्दू धर्म का अपमान नहीं है?

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