टिकट ब्लैकर या स्वघोषित मंत्री

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पत्रकार इशरत हुसैन

जौनपुर. इन दिनों हर गली हर चौराहे पर एक खास चर्चा चल रही है एक सत्ता पक्ष के अल्प संख्यक आयोग का सदस्य अपने आपको मंत्री बताकर स्काट के साथ हर जुलूस मजलिस में मंच पर चढ़ने को बेताब रहता हैं जबकि उसको अपने ही जनपद में कोई मान सम्मान नहीं मिलता है।

 

इस जिले में वह अपने आपको सम्मानित बने रहने के प्रयास में लगा रहता हुआ दिखाई देता है। इसे देखकर लोग तरह तरह की चर्चा करते नजर आ रहे हैं कि जिसे अपने जनपद में सम्मान नहीं मिला वह इस शहर में सम्मान लेने के लिए घूमता फिर रहा है।

 

सूत्रों द्वारा पता चला है कि स्वघोषित मंत्री बनारस के किसी सिनेमा हाल में टिकट ब्लैक करने का कार्य करता था, अब न जाने ऐसा क्या हुआ कि कुछ साल में टिकट ब्लैक करने वाला ये शख्स स्वघोषित मंत्री बनकर लोगो को गुमराह करने में लगा हुआ है।

 

कहा जाता है कि जब कोई प्रोग्राम कहीं होता है तो अपना कुर्ता टाइट कर फोटोशूट करवाने पहुंच प्रचार प्रसार करना शुरू कर देता हैं, जब कोई विपत्ती आन पड़ती है तो वह लापता हो जाता है। किसी मजलिस या शब्बेदारी में लाउड स्पीकर की प्रमिशन न ले पाने वाला खुद को पावर फृल बता रहा है।

 

अपने आप को दूध का धुला हुआ मजहबी साबित करने वाला यह नेता अब तक तीन तीन शादियां कर चुका यह आदमी महिलाओं के इर्द गिर्द घुमता रहता है। इसकी इन हरतों से भारतीय जनता पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। इस नेता पर बड़ी पुरानी कहवात चरितार्थ हो रही है कि धोबी का कुत्ता न घर न घाट।

 

इस नेता की चटुकारिता करने के लिए कुछ मिया मिटठु पत्रकार आगे पीछे लगे रहते हैं।

 

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