जाति-धर्म से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में कलम चलायें पत्रकार: संजय जोशी

पत्रकारों के हित में कानून रद्द किया सरकार ने: सीमा द्विवेदी संवेदनशून्य नहीं होता है पत्रकार: ज्ञानप्रकाश सिंह

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पत्रकार जेड हुसैन
जौनपुर। पत्रकार समाज में शिक्षक की भूमिका निभाता है। वह अपनी लेखनी से समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास करता है। पत्रकारों को जाति, धर्म, भाषा से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में कलम चलानी चाहिये। उक्त विचार जौनपुर पत्रकार संघ के 21वे स्थापना दिवस समारोह पर नगर के एक होटल में आयोजित वर्तमान मीडिया एवं सामयिक चुनौतियां विषयक संगोष्ठी में प्रख्यात चिंतक एवं लेखक संजय विनायक जोशी ने मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि आजादी के पूर्व बड़े-बड़े नेताओं ने समाज को जगाने के लिये अखबार निकालना शुरू किया। इससे वे समाज की मानसिकता में परिवर्तन ले आते थे।

 

राजा राममोहन राय, बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी भी पत्रकारिता के माध्यम से समाज को जागरूक किया। उन्होंने कहाकि कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं ने शिकायत की कि चुनाव के दौरान अनेक पत्रकारों ने उनसे पैकेज मांगे। पैकेज न मिलने पर उनके समाचार अखबारों में नहीं छपा। श्री जोशी ने कहाकि इलेक्ट्रानिक मीडिया के बढ़ते वर्चस्व के बाद भी प्रिंट मीडिया का महत्व कम नहीं हुआ है।

 

कार्यक्रम में विशिष्ट अभ्यागत के रूप में पधारे भाजपा नेता और समाजसेवी ज्ञानप्रकाश सिंह ने-न कमानों को खीचों न तलवार निकालो, जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो शेर के माध्यम से पत्रकारिता के महत्व केा रेखांकित किया। उन्होंने राष्ट्रकवि दिनकर की कविता-कलम आज उनकी जय बोल का उद्धरण देते हुए राष्ट्रीय चेतना की अलख जगायी। उन्होंने कहाकि पत्रकार संवेदनशून्य नहीं होता है। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रही सांसद सीमा द्विवेदी ने कहाकि सन् 1967 में पारित कानून में छोटी सी गलती पर भी पत्रकारों के लिये सजा व जुर्माना का प्राविधान था। इसे भाजपा सरकार ने समाप्त कर दिया। अपने संबोधन में कहाकि पत्रकारों के लिये कार्यालय भवन की आवश्यकता है।

 

इसके पूर्व आगन्तुकों का अभिवादन करते हुए जौनपुर पत्रकार संघ के संरक्षक ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि यह संगठन समाजसेवा के कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी करता है। कोरोना काल में जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाने के अलावा ठंड में कंबल भी वितरित किया। कार्यक्रम के आरंभ में अभ्यागतों द्वारा मां शारदा के चित्र पर माल्यार्पण तत्पश्चात् दीप प्रज्जवलन किया गया। मंचासीन अभ्यागतों को स्मृति चिन्ह एंव अंगवस़्त्रम् प्रदान कर सम्मानित किया गया। उक्त अवसर पर डा. प्रेमप्रकाश विश्वकर्मा, शिक्षक नेता डा. विनय सिंह, पं. रामकृष्ण त्रिपाठी, वीरेन्द्र सिंह एडवोकेट, डा. सूर्यप्रकाश सिंह मुन्ना, देवेन्द्र सिंह, रामदयाल द्विवेदी, दुष्यंत सिंह, प्रदीप सिंह सफायर, डा. वीरेन्द्र सिंह नवाब, अखिलेश तिवारी अकेला, रामसिंगार शुक्ल गदेला, जेड हुसैन बाबू, उपस्थित रहे। संचालन डा. मधुकर तिवारी ने किया। आगन्तुकों के प्रति आभार जौनपुर पत्रकार संघ के अध्यक्ष शशिमोहन सिंह क्षेम ने किया।

 

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