भाजपा का बढ़ता जनाधार देख बढ़ी प्रत्याशियों की संख्या

समाजसेवी, आईएएस अधिकारी, पूर्व विधायक और पूर्व सांसद टिकट की लाइन में

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जेड हुसैन (बाबू)
जौनपुर संसदीय क्षेत्र से दर्जन भर से ज्यादा लोग चाहते हैं टिकट
जौनपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बढ़ती लोकप्रियता के कारण जौनपुर संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी से टिकट चाहने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। टिकटों के इच्छुक लोगों में राम लहर का लाभ उठाकर संसद में पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। प्रत्याशियों के नामों को लेकर क्षेत्र में चर्चाओ एवं अटकलबाजियों का बाजार गर्म है। कई लोग तो ऐसे है जिन्होंने तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करके तथा समाजसेवा के कार्यों में बढ़ चढ़कर भाग लेकर जनता के बीच अपनी पहचान बनाने का कार्य भी किया है। इनमें से एक नाम ज्ञानप्रकाश सिंह का है जिन्होंने अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय का काया कल्प करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। कंबल वितरण एंव नगर क्षेत्र में सर्दी के मौसम में जगह-जगह अलाव का प्रबंध भी उनके द्वारा किया गया। अपने गांव गोधना स्थित प्राथमिक विद्यालय को उन्होंने आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित करने का कार्य किया है। अभी कुछ माह पूर्व बीआरपी इंटर कालेज में रामकथा का भव्य आयोजन करके इन्होंने लोगांे का दिल जीत लिया। राम मंदिर के प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा के दिन सद्भावना पुल के पास सजावट के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किये जाने से ज्ञान प्रकाश सिंह निश्चित रूप से जनता को प्रभावित किया है। दूसरा नाम आईएएस अभिषेक सिंह का टिकट दावेदारी में है। तिलकधारी महाविद्यालय में गणपति पूजा का आयोजन किया। इस समय बस अयोध्या के लिये निः शुल्क चलवा रहे हैं। शतरूद्र सिंह भी जौनपुर से लोकसभा टिकट पाने की कोशिश में है। बताया जाता है कि ये भाजपा में पहुंच वाले व्यक्ति हैं। पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह भी टिकट की लाइन में है। ये विधायक रह चुके हैं। अपनी सादगी के कारण इनकी अलग पहचान है। भाजपा जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह भी टिकट के प्रबल दावेदारों में माने जाते है। संगठन का कार्य देखते रहने के कारण इन्हे राजनीति का अच्छा अनुभव है। सन् 2014 के लोकसभा चुनाव जीतकर संसद में पहुंचने वाले डा. केपी सिंह भी टिकट के प्रबल दावेदार माने जाते हैं। इनकी पहचान ईमानदार नेता की है। वैसे मल्हनी विधानसभा में पूर्व मंत्री पारसनाथ यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में सपा बसपा गठबंधन के कारण डा. केपी सिंह का पराजय का मुख्य देखना पड़ा। शाहगंज के विधायक रमेश सिंह भी लोकसभा चुनाव का टिकट चाहते हैं। कभी मुंगराबादशाहपुर से विधायक प्रत्याशी के रूप में उभरे अजय शंकर दूबे भी भाजपाई हो चुके हैं और टिकट मांग रहे हैं। पूर्व विधायक सुषमा पटेल भी बसपा से बाहर होकर भाजपा में शामिल हो चुकी है। वे भी लोकसभा का टिकट चाहती हैं। कभी निर्दलीय विधायक तो कभी बसपा का दामन थामकर सांसद रह चुके धनंजय सिंह जद यू के महासचिव बने। अब वे उक्त सीट भाजपा-जदयू गठबंधन से चुनाव लड़ने की जुगत में हैं। भाजपा नेता मनोज सिंह भी टिकट की कतार में है तो वहीं पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह जौनपुर के मूल निवासी है। जनचर्चा है कि भाजपा उन्हेें मुंबई अथवा जौनपुर से प्रत्याशी बना सकती है। इसके अलावा चंदौली के विधायक सुशील सिंह का नाम भी चर्चाओं में है। भाजपा का बढ़ता जनाधार देखकर टिकट दावेदारों की लंबी लाइन लगी है। जफराबाद के पूर्व विधायक डा. हरेन्द्र सिह तो पहले से ही टिकट हेतु प्रयासरत हैं।

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