वाराणसी पुलिस ने 09 फर्जी तथाकथित पत्रकार किया गिरफ्तार

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वाराणसी में फिर 09 फर्जी पत्रकार गिरफ्तार किए गए है। इन कमबख्तों ने वास्तविक और पारंपरिक पत्रकारों का जीना हराम किया हुआ था। जिले में फर्जी पत्रकारों की धरपकड़ के लिए जोन की पुलिस ने अभियान छेड़ा हुआ है। यूपी के सभी 75 जिलों में शासन ने ऐसे अभियान चलाने के आदेश जिला प्रशासन को गुप्त रूप से दिए हुए हैं।

 

पकड़े गए स्वयंभू पत्रकारों की जब DCP प्रमोद कुमार ने खुद से अच्छी तरह से कुटाई की, तो सभी तोते की तरह बोलने लगे कि वो छुट भईए नेताओं, ठेकेदारों, निगम कर्मचारियां, आढ़तियों, बिजली अधिकारियों, मछली व्यापारियों, पेड़ कटाई, नाई की दुकानों व सब्जी बेचने वालो से भी पत्रकार होने की धौंस दिखाकर संगठित तरीकों से लूटपाट करते थे।

 

इनके कब्जे से एकाध नहीं, बल्कि तीन दर्जन से अधिक यू-ट्यूब चैनलों की माईक आईडी बरामद हुई। फर्जी पत्रकारों के ऐसे गिरोह इस वक्त ज्यादातर जिलों में सक्रिय है। सतर्क रहें, सावधान रहें। अब सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या जौनपुर का प्रशासन ऐसे लोगो की छानबीन कराते हुए विधिक कार्रवाई कर सकेगा।

देखा जाये तो उत्तर प्रदेश के समस्त ज़िलों की तुलना की जाये तो जौनपुर जिला एक मात्र जिला होगा जहाँ मोहल्ले पीछे एक तथाकथित पत्रकार जरुर नजर आएंगे इस तरह यह जिला पत्रकारों से भरा हुआ है अधिकांश ब्यूरो ब्यूरो चीफ/प्रभारी ने अपनी रोटी अलग अलग विभागों में सेकने के लिए सैकड़ो कार्ड जारी कर रखा है!

जबकि उनको कार्ड जारी करने यह पत्रकार बनाने का कोई अधिकार लिखित अख़बार के संपादक या सीईओ द्रारा अधिकृत नहीं किया गया है उनके द्रारा पाले गए गुर्गे तथाकथित पत्रकार मोटे मोटे शब्दों में लिखते है की मै पत्रकार… अखबार या चैनल का इनकी फेसबुक आईडी और व्हाट्सअप ग्रुप छाया रहता है क्यू की अधिकांश तथाकथित पत्रकारों को हाथ में माइक लेकर हर जगह देखा जाता है!

बात तथाकथित यूट्यूबर और वेब पोर्टल पत्रकारों की किया जाये तो इनकी संख्या प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रिनिक मीडिया से पचास गुना अधिक जनपद जौनपुर में यह जिसकी कोई मान्यता नहीं है सिर्फ डिजिटल मीडिया के रूप में एकल स्वतंत्र पत्रकारिता कर सकते है लेकिन इसके संचालको द्रारा बहुत मोटे मोटे शब्दों में संपादक या पत्रकार लिखा जाता है और लोगों को जुड़ कर प्रेस कार्ड जारी किया जाता है जबकि इनको इस तरह का कार्य करने की कोई अनुमति सूचना मंत्रालय द्वारा नहीं है यह सभी संचालक तथाकथित पत्रकार के दायरे में आते है!

जनपद के जिलाधिकारी और पुलिस अधिझक के साथ सूचना अधिकारी के संज्ञान में यह तथ्य लाया जा रहा है की जिस तरह फर्जी पत्रकारों के साथ वाराणसी पुलिस ने कार्यवाही की उसी प्रकार जनपद जौनपुर में फूल फल रहे फर्जी तथाकथित कुकुरमुत्ते पत्रकारों के विरोध जाँच करके कार्यवाही की जाये ताकि चौथे स्तम्भ का मन सम्मान बना रहे!

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