उत्तर प्रदेश सरकार पर सावलिया निशान आखिरकार सिस्टम में क्या खामी

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Mehdi Husain Rizvi

लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आखिरकार पुलिस डिपार्टमेंट पर खर्च इतना  क्यों किया जा रहा है, जब विधि का राज्य स्थापित करने में उसकी नाकामी आए दिन खुलकर  जनता के सामने आ रही है।

पुलिस हिरासत में जिस तरह बीती रात अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ गैंगस्टर पर तीन हमलावार जो मीडिया की आड़ में आकर दो कैदियों की खुले आम हत्या कर दी जाती है और पुलिस द्वारा उस पर किसी तरह की  कोई उचित कार्यवाही मौके पर नहीं की जाती एहसा क्यू यह अपने आप में एक सवालिया निशान बना हुआ  है !

 

अतीक अहमद और उसके भाई की सुरक्षा में एका एक इतनी कमी क्यू मेडिकल कराते समय रखी गई इन बातो को ध्यान से देखा जाए तो कही न कही लेकिन नजर आता है योगी सरकार को चाहिए की उक्त समय ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिस कर्मी को सस्पेंड नहीं सीधा ट्रम्नेट करना चाहिए ताकि दोनो कैदियों को तत्काल इन्साफ मिले और सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मी को सबक मिले की भविष्य में इस तरह की लापरवाही किसी अन्य कैदी के साथ न हो सके !

 

इसमें दूसरे नज़रिए से देखा जाए तो  स्थानीय पुलिस प्रशासन की बहुत बड़ी लापरवाही और नाकामी साफ साफ झलक रही है।

 

क्यू की गंभीर से गंभीर अपराध में गिरफ्तार किए गए किसी भी व्यक्ति को सजा न्यायालय के माध्यम से मिलनी चाहिए, न कि एक अपराधी को स्वयं दूसरा अपराधी सजा दे।

 

पुलिस विभाग प्रयागराज की इस घटना की सबसे बड़ी  नाकामी  है क्यू की इस घटना ने उत्तर प्रदेश सरकार को सवालों के घेरे में लाकर विपक्ष ने समाने खड़ा कर दिया  क्यू की इससे योगी सरकार अनेकों सवाल के घेरे में खड़ी  है।

 

 

इस तरह की नाकामी के जिम्मेदार।प्रयागराज के  पुलिस डिपार्टमेंट के लोग है इन अधिकारियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा होनी चाहिए ताकि दोनो कैदियों को इंसाफ मिल सके !

 

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