जागो शिया समुदाय जागो जब शिया को सभासदी का टिकट नही।तो सपा के चेयरमैन प्रत्याशी को वोट नही: सैय्यद अब्बास रिजवी द्वारा फेसबुक पर वायरल पोस्ट

सैय्यद अब्बास रिजवी वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्त्ता ने क्या सवाल अखिलेश यादव मुखिया समाज वादी पार्टी से उठाया : शिया समुदाय सपा को वोट क्यों देगा वोट

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जौनपुर नगर पालिका परिषद के चुनाव में शिया जनता के हित में उठा सवाल आखिर  सपा ने जौनपुर शहर में शिया समुदाय को क्या दिया ???
क्या इसका जवाब कोई समाजवादी दे पाएगा।

1:-एमएलए का टिकट नहीं
2:-एमएलसी का टिकट नहीं
3:-एमपी का टिकट नहीं
4:-राज्यसभा का टिकट नहीं
5:-39 वार्ड एक भी शिया समुदाय से प्रत्याशी नहीं
6:- चैयरमैनी का टिकट नहीं
7:- कोई शिया कैबिनेट मंत्रि नही
8:- कोई शिया जिला अध्यक्ष /उपाध्यक्ष नही
9:-जिला सहकारी समिति/ चेयरमैन का टिकट नहीं
10:- जिला पंचायत अध्यक्ष का नही

तो क्या सिर्फ़ अखिलेश यादव शिया को सिर्फ़ वोट के लिए इस्तेमाल करते हैं??

 

जबकि विधान सभा के चुनाव में कुछ सफेद कुर्ते वाले जब लखनऊ जाते हैं तो कहते है माइनोरिटी के 100000 + वोट है जबकि 45/50हज़ार वोट सिर्फ़ शिया का है
जबकि सफ़ेद कुर्ते वालो को पीछे हटाकर खुद अखिलेश यादव जौनपुर आकर इसकी सच्चाई जानना चहिए लेकीन जब अखिलेश यादव को एसी में बैटमेंटन खेलने से फुरसत मिलेगी तब न हकीकत तो यही है कि अखिलेश यादव ने कभी भी शिया समुदाय को तवज्जो नहीं दिया इसी का एक जीता जागता उदाहरण ये था की एक इंटरव्यू में जब आफताबे शरीयत मौलाना कल्बे जवाद से मीडिया के कुछ लोगों ने सवाल किया कि योगी बेहतर हा या अखिलेश तो मौलाना ने जवाब दिया की अखिलेश से लाख गुना बेहतर है योगी

 

अभी कुछ महीने पहले जौनपुर शहर से एक युवा समाजवादी का सच्चा सिपाही जो की सिर्फ सपा के लिए जीता था सुबह 6 बजे से लेकर रात को 11 बजे तक उस युवा की जुबान पर सिर्फ समाज वादी की ही बात रहा करती थीं जिसने हम बात कर रहे हैं मरहूम राजा समाजवादी की जिसने 2022 के विधान सभा चुनाव में सिर्फ़ जय अखिलेश जय समाजवाद की बात किया राजा सामाजवादी की कैंसर नामक जैसी बीमारी देहांत हो गया था

 

जबकि अखिलेश यादव जौनपुर शहर में किसी तेरहवीं के कार्यक्रम में शिरकत आए थे लेकीन अपने इस सच्चे नेक सामाजवादी सिपाही के देहांत की ख़बर सुनकर भी किया दरकिनार नहीं आए श्रद्धांजलि देने जब अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ता के नही हुवे तो वो शिया समुदाय के क्या होंगे तक़रीबन पिछले 20 सालो की बात करें तो आस पास के 10 जिलों में सपा ने किसी शिया को चेयरमैन का टिकट नही दिया तो क्या शिया समुदाय सिर्फ झंडा उठाने के लिए या लड्डू बाटने के लिए या कोई बडा नेता आ गया उनको पानी पिलाने के लिए या उनके साथ फ़ोटो खिंचवाने या आगे पीछे टहलने के लिए कार्यालय जाएगा

 

मैं सभी ज़िले स्तर के पत्रकार वरिष्ठ पत्रकार के माध्यम से ये कहना चाहता हूं कि शिया समुदाय सिर्फ को जब कोई रैली होती है या कोई जुलूस निकालने की बात होती तब जिला अध्यक्ष हर एक कार्यकर्ता को बोल देता है की इतने आदमी लेकर आना इतनी गाड़ी लेकर आना
जिंदाबाद जिंदाबाद बोलना है और टिकट देते समय जिला अध्यक्ष को पूरे 39 वार्ड में एक भी शिया कंडीडेट नही दिखाई दिया जिसे टिकट दे सकते थे बढुवा गोदाम की दुनिया से बाहर निकलो

 

नही जिंदगी खत्म हो जाएगी सिर्फ़ बड़े नेताओं को पानी पिलाने में और पार्टी का झंडा उठाने मे और वो दिन भी दूर नही होगा जब जिला अध्यक्ष कहेगा की पार्टी के कार्यकर्ता हो ज़रा मेज़ कुर्सी साफ़ करो

 

अगर शिया समुदाय सपा को वोट न करें तो क्या अखिलेश यादव अपने दम पर 100 विधायक खड़ा कर लेंगे

 

जबकि बीजेपी मुस्लिमो की कट्टर वादी पार्टी है फ़िर भी
जौनपुर शहर में 3 प्रत्याशी अपने उतारी है अब इनका भाग्य जीते या हारे लेकीन बीजेपी ने 3 शिया कंडीडेट को टिकट और यही वजह 20% रंगा बिल्ला लोग सपा को तिलाक देकर बीजेपी में चले गए

 

अगर सपा का यही हाल रहा तो लोक सभा चुनाव से पहले 50% शिया सपा को तिलाक दे देंगे तो मेरा आप सभी 39 वार्ड में जहां जहां शिया समुदाय की आबादी वाला क्षेत्र है वहा पर सपा से जो भी कंडीडेट आपके दरवाज़े पर आता है उसका कड़ा विरोध करें

 

और कांग्रेस को वोट क्योंकि कांग्रेस ने बहुत अच्छा और जुझारू कर्मठ युवा ईमानदार बेदाग छबि वाले इश्तेयाक अहमद की पत्नी दरक्शा खातून को टिकट दिया तो इस अगर बदलाव लाना है तो कांग्रेस को अपना कीमती बहुमूल्य वोट देकर इश्तेयाक अहमद की पत्नी दरक्शा खातून नगर पालिका परिषद का चेयरमैन बनाए

 

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