पत्रकार या सरकारी नौकर

कई शिक्षक जिले के काट रहे हैं दोहरी मलाई

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जुल्फेकार हुसैन बाबू ब्यूरो चीफ अमन की शान लखनऊ संस्करण

जौनपुर। जौनपुर जिले में कई सरकारी नौकर यानी अध्यापक पत्रकारिता भी कर रहे हैं। सरकार से अच्छा खासा वेतन लेने के बाद भी पत्रकारिता करते देखे जा सकते हैं। सूत्रों से पता चला है कि दर्जन भर से अधिक अध्यापक पत्रकारिता करके धन के साथ भौकाल बना रहे है। इन पत्रकारों का काम है ही नेताओ के यहां दरबार गिरी करना। इसके अलावा कोतवाली और थाने में भौकाल टाइट करना।

 

इस संबंध में सरकारी कर्मचारी कंडक्ट रूल 1966 के नियम बिल्कुल स्पष्ट हैं, जिसमें कहा गया है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी सरकार की पूर्व मंजूरी के बिना समाचारपत्र के लिए आर्टिकल नहीं लिख सकता। इस तरह उक्त कानून के अनुसार सरकार का कर्मचारी अखबार के पत्रकार के तौर पर काम नहीं कर सकता। शिक्षा विभाग के आला अधिकारी सब कुछ जानते हुए अपनी आंखों पर पट्टी बांधे हुए हैं।

 

इस संबंध में सरकारी कर्मचारी कंडक्ट रूल 1966 के नियम बिल्कुल स्पष्ट हैं, जिसमें कहा गया है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी सरकार की पूर्व मंजूरी के बिना समाचारपत्र के लिए आर्टिकल नहीं लिख सकता। इस तरह उक्त कानून के अनुसार सरकार का कर्मचारी अखबार के पत्रकार के तौर पर काम नहीं कर सकता। फिलहाल जिले के कई इंटर कॉलेज में पढ़ाने वाले अध्यापक पत्रकारिता कर रहे हैं।

 

पता चला है कि शहर के एक इंटर कॉलेज का अध्यापक (जिसे हिंदी मे इमला भी बोल दिया जाए तो न लिख सके) वह पत्रकारिता में भौकाल टाइट किए हुए है।

 

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