बीजेपी ने सभी की उम्मीदो पर पानी फेरते हुए वर्तमान सांसद मछलीशहर को ही प्रत्याशी घोषित किया

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मछलीशहर जौनपुर । बीजेपी ने सभी की उम्मीदो पर पानी फेरते हुए वर्तमान सांसद मछलीशहर को ही वहां से प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसके बाद तमाम अटकलें पर विराम लग गया। बतादे कि पिछली बार कड़ी मशक्कत के बाद बीपी सरोज चुनाव मात्र 181 वोटो से जीते थे। उस समय उनके प्रतिद्वंदी वर्तमान में बीजेपी से विधायक और उस वक्त के बसपा- सपा गठबंधन के प्रत्याशी टी राम थे। जिन्होंने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी।

लेकिन इस बार 2024 का लोकसभा चुनाव कुछ अलग ही होगा। इस बार सपा – बसपा दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन सपा का कांग्रेस के साथ गठबंधन होने से कुछ फ़ायदे की उम्मीद है। कयास लग रहे हैं कि मछलीशहर लोकसभा का चुनाव त्रिकोणीय हो सकता है। क्योंकि यहां पर बसपा को वोट करने वाला एक धड़ा भी मौजूद है। जिससे साफ तौर पर कहा जा सकता हैं कि मामला त्रिकोणीय होने की उम्मीद है! अब देखने है कि दूसरी बार मैदान में उतरे बीपी सरोज क्या इस बार भी अगली बार की तरह कारनामा कर पाएंगे? बीजेपी के अलावा अभी तक ना तो सपा ने और नाही बसपा ने अपना प्रत्याशी मछलीशहर से उतरा है।

अब देखना यह है कि सपा बसपा किनको लोकसभा का टिकट देती है! वही सूत्रो का कहना है कि मछलीशहर लोकसभा सीट से बीपी सरोज का टिकट कंफर्म होने से बीजेपी के अंदर खाने मतभेद दिख रहा है। जो टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे, उनमें नाराजगी देखी जा सकती है। अगर यह नाराजगी थोड़ी भी बढ़ी तो बीपी सरोज को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। बतादे कि बीपी सरोज जौनपुर जिले के मुंगरा बादशाहपुर के मादरडीह गांव के निवासी हैं। बीपी सरोज मुंबई के बड़े उद्योगपति हैं। बीपी सरोज ने अपनी राजनीति बसपा से शुरू की थी।

2014 के लोकसभा में बसपा की टिकट पर मछलीशहर से मैदान में उतरे थे। लेकिन बीजेपी के रामचरित्र निषाद से हार का सामना करना पड़ा। पिछली लोकसभा में 22 मार्च 2019 को इन्होंने आनन फानन में बसपा से रिजाइन देकर भाजपा ज्वाइन की थी। इसके बाद कमजोर पड़ रहे राम चरित्र निषाद की जगह पर भाजपा ने इन्हें मछलीशहर से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया। क्योंकि मछलीशहर में सरोज जाति की संख्या काफी है।

इसको देखते हुए उन्हें प्रत्याशी घोषित किया गया और उसपर खरे भी उतरे। लोकसभा मछ्लीशहर में 2011 की जनगणना के अनुसार यादव- 201867, अनसूचित जाति – 248005 , ब्राम्हण – 170999, राजपूत 242164 , कायस्थ 91452 वैश्य 64764 और मुस्लिमों की संख्या करीब 89322 के अलावा अन्य की संख्या 341799 है । मछलीशहर लोकसभा सीट को वाराणसी जिले की पिंडरा, जौनपुर की मछलीशहर, मड़ियाहू, जफराबाद व केराकत को मिलाकर बनाया गया था। बताते चलें कि वर्तमान में मछलीशहर, जफराबाद व केराकत में सपा का विधायक है, तो मडियाहूं से अपना दल व पिंडरा में बीजेपी का विधायक है। पहली बार 1962 में मछलीशहर लोकसभा अस्तित्व में आई थी। 1962 के पहले लोकसभा मछ्लीशहर के वोटर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पारम्परिक सीट फूलपुर लोकसभा का हिस्सा थे। 1962 के पहले चुनाव में यहां कांग्रेस पार्टी के गणपत ने जनसंघ के उम्मीदवार को हराकर जीत दर्ज की थी। उसके बाद यहां 1971 तक लगातार कांग्रेस जीतती रही। लेकिन 1977 में कांग्रेस की जीत का सिलसिला तोड़ते हुए भारतीय लोकदल के राजकेशर सिंह ने कांग्रेस के विजय रथ को रोका था।

बनाते चले कि अपने क्षेत्र में बीपी सरोज कार्यकाल के दौरान में औसत रहे हैं। वही बीपी सरोज की उपस्थिति लोकसभा में सर्वाधिक दर्ज की गई। इन्होंने संसद के प्रश्नकाल समय में 110 सवाल पूछे। पूर्वाचल से सबसे अधिक उपस्थिति मछलीशहर से बीपी सरोज 98.2 की ही रहीं है।

 

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