हर रूप में पूज्यनीय है भगवान श्री कृष्ण जी महराज: कथा व्यास प्रभाकर जी महराज

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जफराबाद जौनपुर

स्थानीय थाना क्षेत्र के अहमदपुर गांव निवासी वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राम सिंगार शुक्ल गदेला के यहां चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास श्री प्रभाकर जी महराज ने कृष्ण लीला का वर्णन करते हुए कहा भगवान श्री कृष्णा को भक्तों ने जिस रूप में देखा वह उसी रूप में उसे दर्शन दिए और कल्याण किया श्री कृष्ण को चाहे मित्र के रूप में ले लीजिए चाहे भगवान के रूप में ले लीजिए हर रूप में हर जगह वह उपस्थित मिलते हैं मित्र के रूप में सुदामा जी महराज जब उनके महल पहुंचते हैं तो भगवान उनके स्वागत में नंगे पांव दौड़ जाते हैं और मित्र धर्म का निर्वाह करते हुए उनका स्वागत करते हैं श्री महराज ने आगे कहा आज सत्य और सनातन संतो के बल पर कायम है और विस्तारित भी हो रहा है सनातन हमें जहां ज्ञान देता है वही ध्यान और विज्ञान का भी बोध कराता है, सनातन सबको अपने में समाहित करके चलता है कभी किसी के प्रति भेदभाव नहीं रखता व्यास पीठ से बोलते हुए श्री महराज ने जल अग्नि धरती आकाश और वायु की परिभाषा को परिभाषित करते हुए कहा कि यही हमारे जीवन के निर्माण करने वाले हैं

पालन करने वाले हैं और अंत में अपने में समाहित कर लेते हैं आज आदमी वैभव और विलासिता के वशीभूत होकर धन अर्जित करने में व्यस्त है धन के बल पर मानव में अहम आ गया है लेकिन अहम को त्याग कर हम क्या है पहचानिए तभी कल्याण होगा अन्यथा कल्याण होने वाला नहीं है जब व्यक्ति का निधन होता है उस समय व्यक्ति धनहीन हो जाता है लेकिन वह परोपकार में दान में और भगवान में विश्वास रखता है तो जीवन में और जीवन के बाद भी उसका गुणगान होता है और वह अपने कार्यों से समाज में बखाना जाता है महराज जी ने आगे कहा मानव को अपने कार्यों को संपादित करते हुए भगवान की आराधना भी करते रहना चाहिए इससे जीव का कल्याण होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है ईश्वर की आराधना कभी व्यर्थ नहीं जाती ईश्वर अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करता पर्यावरण की चर्चा करते हुए उन्होंने वृक्षों के काटान पर चर्चा करते हुए कहां एक वृक्ष 100 पुत्र के समान होता है वह परोपकार के लिए जीता है और जीवन भर परोपकार करता रहता है लेकिन हम अपनी सुविधा भोगी जीवन में उसको काट कर अपने लिए स्वयं संकट खड़ा कर रहे हैं, वृक्ष से बड़ा परजीवी धरा पर कौन है जो आपको प्राण वायु देने से लेकर फल तक देता है बदले में आप उसे काट देते हैं आज पर्यावरण बचाने की बात चल रही है मैं आप सभी कथा प्रेमियों से एक ही निवेदन करता हूं आप वृक्षों की रक्षा के साथ पौधारोपण कर पर्यावरण की रक्षा में सहयोगी बने

 

श्री व्यास जी ने कथा की अंतिम दिन सभी को सत्य अपना कर सत्य के मार्ग पर चलने का आग्रह करते हुए कहा आप सभी मानव धर्म के रास्ते पर चलकर अपने जीवन को सार्थक करते हुए भारत को विश्व गुरु बनाने में सहयोग करें। इस अवसर पर कृष्ण सुदामा झांकी देख कर उपस्थित समुदाय भाव विभोर हो गया तथा व्यास पीठ से गाई गई बरसाने की होली गीत पर कथा स्थल पर उपस्थित लोगों ने जमकर ठुमके लगाए, श्रीमद् भागवत कथा समापन दिवस पर जनपद के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रजनीश श्रीवास्तव, शिक्षाविद समाजसेवी लालचंद यादव, कृष्ण कुमार मिश्र, दुर्गेश तिवारी, मनोज पांडे, राम अधार यादव, जोखू यादव, जयप्रकाश गौतम, दिलीप शुक्ला सहित क्षेत्र के तमाम संभ्रांत नागरिक और पत्रकार बंधु उपस्थित रहे अंत में श्रीमद् भागवत कथा कार्यक्रम की आयोजन करने वाले वाराणसी से प्रकाशित एक दैनिक के संपादक प्रकाश चंद्र शुक्ला ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया

 

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