शहर में सट्टा फल फूल रहा है अमर बेल की तरह पुराने पुलिस कर्मियों की सांठ-गांठ से हो रहा है खेल पिछले वर्ष एसपी ने की थी कड़ी कार्यवाही

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तामीर हसन शीबू

जौनपुर नगर में खुलेआम सट्टा खिलाने का कारोबार बड़ी तेजी से फल-फूल रहा है। शहर के अधिकांश हिस्सों में सट्टा खिलाने वालों के एजेंट बैठकर पर्चियां काट रहे है। सट्टे में हर दिन लाखों रुपए लगाने का काम हो रहा है। बड़े खिलाड़ी ऑनलाइन खेल रहे साथ ही आईपीएल पर भी बड़े पैमाने पर पैसा लगाने का काम नगर से लेकर ग्रामीण अंचलों के कई लोग खेल कर अपनी जमा पूंजी बर्बाद कर रहे हैं। कुछ लोग चोरी से पैसे बर्बाद कर रहे हैं, जिसके कारण कई परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके हैं।

खिलाने वालों का कर्ज होने पर कई लोग आत्महत्या भी कर चुके हैं। जुआ, सट्टे को लेकर कई बार विवाद होने की जानकारी आने के बाद भी जिम्मेदार अंजान बने हुए हैं । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई पुराने पुलिसकर्मियों से सांठगांठ करके इस खेल को खिलाने का काम सट्टेबाजों के द्वारा किया जा रहा है। तभी तो सट्टे पर रोक नहीं लग पा रही है। कई पुलिसकर्मी थाना प्रभारी को भी गुमराह करके इस काम को अंजाम दे रहे हैं। थाना प्रभारी जुआ ,सट्टा अवैध रूप नशे का कारोबार करने वालों पर कार्रवाई के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं उनकी मेहनत पर भी पानी फेरने का काम इस कारोबार से पैसा लेने वाले पुलिसकर्मियों के द्वारा किया जा रहा है। जिनके नाम हमेशा चर्चाओं में रहते हैं। सट्टे की खाई वाज हर बार नए लोगों के माध्यम से सट्टे के खेल को अंजाम दे रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर सट्टेबाजी का अड्डा चलाने वाले अहियापुर बड़ी मस्जिद पुरानी सब्जी मंडी रसूलाबाद भंडारी स्टेशन सिपाह ओलंदगंज मीरमस्त, उर्दू बाजार, ताड़तला समेत अन्य कई स्थानों पर आईपीएल का मैच शुरू होते ही सट्टेबाज़ फिर एकत्रित होकर या मोबाइल टेलीफोन से हार जीत की लाखों रुपए की बाजी लगाना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा लाइन बाजार थाना क्षेत्र के भी कई स्थानों पर जैसे मियांपुर, शेखपुरा के अलावा अन्य स्थान पर भी यह सट्टेबाजों ने खूंटा गाड़ दिया है। बीते वर्ष में पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा द्वारा इस पर कड़ी कार्रवाई की गई थी जिसमें लाइन बाजार और कोतवाली की संयुक्त पुलिस टीम ने लगभग तीन दर्जन से अधिक सट्टेबाजों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।

जिसमें उन्हें जेल जाना पड़ा था और सराय ख्वाजा थाना क्षेत्र के एक गांव का मुख्य आरोपी जिसने जमानत ले ली थी अवैध ढंग से चल रहें। इस सट्टेबाजी के धंधे में दिन दूना रात चौगुनी तरक्की करने वाले यह सत्यवान एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। इन्हें ना तो थाने की पुलिस ढूंढ रही है और ना ही इस बार क्राइम ब्रांच ही उनके लिए सक्रिय है। इसलिए यह सट्टेबाज़ फिर से अपने पुराने धंधे में उतर चुके हैं। इस धंधे में लिप्त रहे नगर से लेकर गांव तक के यह सट्टेबाज़ कंगाल पति से अब करोड़पति बन चुके हैं। कई तो ऐसे हैं। जिनकी शहर के मुख्य स्थान पर करोड़ों की बिल्डिंग खड़ी हो चुकी है और रोज नई नई लग्जरी कार से टीम बनाकर दबंगई भी करते दिख रहे हैं इन लोगो के कारण शीघ्र ही अपराध बढ़ने की संभावना तेज हो गई है। नगर के मुख्य बाजार से लेकर अन्य क्षेत्रों में दिनभर सट्टे पर दाव लगवाने का काम किया जाता है। ग्रामीण भी सुबह से ही सट्टा खेलने के लिए पहुंच जाते हैं, नगर के खिलाड़ी भी इस काम में पीछे नहीं है। पैसे वाले लोग मोबाइल तथा ऑनलाइन के माध्यम से सट्टे पर पैसा लगाने का काम करते हैं। अधिकांश गरीब मजदूर वर्ग के लोग लालच के चक्कर में मेहनत मजदूरी की कमाई भी इस खेल पर लगाकर बर्बाद हो रहे हैं ,इनके घरों की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती ही जा रही है इसकी जानकारी नीचे से लेकर ऊपर तक के आला अधिकारियों को है फिर भी इस तरह से खुलेआम इस खेल को खिलाने वालों पर समय रहते पुलिस प्रशासन के द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके पीछे जो कारण सामने आ रहा है उसने बताया बताया जा रहा है कि कुछ पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से इस कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है ।

उनकी पहचान करके उन पर भी पुलिस को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए शिकवा शिकायत विवाद की स्थिति होने के बाद ज्यादा कर्ज होने पर कई लोग आत्महत्या जैसे कदम को भी उठा चुके हैं जो मजदूर सुबह से लेकर शाम तक 200 से 300 एकत्रित करने की कोशिश करता है वह भी ज्यादा के चक्कर में मजदूरी गवा कर घर खाली हाथ लौटते है। जबकि इनके परिवार का भरण पोषण मजदूरी के पैसे से ही चलता हैं । इनके घरों में कई बार चूल्हे भी नहीं जल पाता है। अब देखना है कि सट्टे के कारोबार को बढ़ावा देने वाले और खिलाने वालों पर पुलिस प्रशासन के द्वारा कितनी ठोस कार्रवाई की जाएगी या फिर सट्टे का कारोबार इसी तरह निरंतर खुलेआम संचालित होता रहेगा लोग अपनी मेहनत मजदूरी की कमाई इसी खेल में लगाकर बर्बाद करते रहेंगे।

एजेंटों के माध्यम से दिया जाता है अंजाम

सट्टे के खेल को खिलाने वाले खाई बाजों के द्वारा के एजेंटों के माध्यम से अंजाम दिलवाया जाता है जो शहर की विभिन्न गली मोहल्लों में बैठकर सट्टा पर्ची काटने का काम करते हैं ।इस खेल पर पैसा लगाने वाले के पास पहुंच जाते हैं, जिनको इस खेल पर रोक लगानी है उनको इनकी भनक नहीं लग पाती है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह सब पुलिस की मिलीभगत से संभव हो पा रहा है तभी तो जिम्मेदार अधिकारी अनजान बने हुए हैं सट्टा खिलाने वालों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।हर गेंद पर लगता है पैसा आईपीएल में टीम के मैच हारने के साथ हर गेद, चौके छक्के पर भी पैसा लगाने लगवाने का काम सट्टे के खाई वाजो के द्वारा करवाया जा रहा है । इस खेल में भी हर दिन कई लोग लाखों रुपए दांव पर लगाकर बर्बाद हो रहा है । जिसकी चर्चाएं भी जोरों पर हैं।

शौकीनों हर हजारों से लेकर लाखों रुपए लगवा रहे हैं। ज्यादा के चक्कर में लोग भी बर्बाद हो रहे है। समय रहते ध्यान नहीं दिया तो इसके बड़े दुष्परिणाम भी आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे । जल्दी लखपति बनने के चक्कर सट्टे पर उधार का पैसे लेकर कई लोग जमा पूंजी भी लगा रहे है।

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