शाहाबाद में क्यों हारी भाजपा

शाहाबाद। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी के जातिवादी स्वार्थी चमचों ने निकाय चुनाव में भाजपा की लुटिया डुबोई।

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अंबरीश सक्सेना/रजनीश सिंह
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी के क्षेत्र शाहाबाद में भाजपा को जीत नसीब नहीं हुई है। यहां पर भाजपा के तीन-तीन नेताओं की आपसी खींचतान से सपा ने आसानी से मैदान मार लिया।

नतीजा, सपा की नसरीन बानो ने दूसरी बार जीत दर्ज की। नगर पालिका परिषद शाहाबाद में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा भी की थी। माना जा रहा था कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का यहां की जनता पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा लेकिन, परिणामों ने यह सिद्ध कर दिया कि उनका भी जादू नहीं चल सका।

शाहाबाद में क्षेत्रीय विधायक उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी की सिफारिश पर संजय मिश्रा को टिकट मिला था। यहां उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने जनसभा की थी और विधानसभा चुनाव की भांति की उम्मीद थी उनका प्रभाव परिणाम पर दिखाई देगा।

 

नगरीय निकाय के चुनाव में ऐसा नहीं हुआ और न ही नगर पालिका परिषद के सीमा विस्तार का प्रभाव दिखा। यहां पर भाजपा प्रत्याशी संजय मिश्रा दूसरे स्थान पर चले गए। जीत को लेकर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने भरी दोपहर में लगातार वोटरों से मिलीं और खूब पसीना बहाया, लेकिन उनकी मेहनत रंग नहीं ला सकी। चर्चा है कि क्षेत्र के तीन बड़े नेता अपना वर्चस्व कायम रखने के चक्कर में पार्टी का नुकसान उठाना पड़ा है। जातिवाद और भ्रष्टाचार से कुपित जनता ने सत्ता पक्ष के नेताओं के सपनों को चूर चूर कर दिया।आरोप है कि चुनाव में हिन्दू एकता पर लंबे चौड़े भाषण दिए जाते हैं।

 

बाद में उन्हीं हिंदुओं को अगड़े, पिछड़े,दलित में बांटकर भाजपा के स्वार्थी नेता उन्हें अपमानित करते हैं। कुर्सी मिलने के बाद सत्तासीन भाजपाई पुराने संघ,विहिप,भारत विकास परिषद समेत अनेक अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को पहचानने से ही इंकार कर केवल और केवल अपने स्वार्थ पूर्ति में लगे हुए हैं। प्रकाशस्वरूप परमेश्वर भाजपा नेताओं को सद्बुद्धि दे।

 

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